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मध्य प्रदेश के बलोदा गाँव के इस वीडियो में कुछ हिन्दू एक गौमाता का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। यह गौमाता 2007 में 1.5 वर्ष की आयु में गाँव के गौशाला परिवार में सम्मिलित हुई पहली कपिला गाय थीं। 19 वर्ष की आयु में उन्होनें अपने प्राण त्यागे और उनकी विदाई के समय लोग रो रहे थे। उनकी अवशेष भी हरिद्वार ले जाए गए। गांव में 13 दिनों बाद भंडारा भी आयोजित किया गया। गौमाता के सम्मान में सभी हिन्दू रीतियों का विधि विधान से पालन किया गया। हिन्दुओं को इस तरह की मृत गायों को कसाई को सौंपने के स्थान पर इस प्रकार श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। साथ ही, मस्जिद आदि गैर-हिन्दू स्थलों में दान देने की बजाय हिन्दू गौशालाओं जैसी स्थानों में दान करना चाहिए, जहाँ हमारी आस्था की प्रतीक गौमाता को इतना प्रेम और सम्मान दिया जाता है।