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हाल ही में, अभिनेत्री व सांसद कंगना रनौत ने एक साक्षात्कार में व्यक्ति के चरित्र और संस्कारों की महत्वता पर एक सराहनीय बयान दिया। उन्होंने कहा कि कभी भी किसी पंडित को बारूद का उपयोग करते हुए नहीं देखा गया है। “मेरी बहन पर 2006 या 2007 में एसिड-अटैक हुआ था। आज अगर उस दोषी को मेरे या मेरी बहन के सामने लाकर खड़ा कर दिया जाए और कहा जाए कि इस पर कोई कार्यवाही नहीं होगी, तो क्या हम फेंक पाएंगे? नहीं, हम नहीं फेंक पाएंगे,” उन्होंने आगे कहा। उनका यह उदाहरण व बयान प्रत्येक व्यक्ति में उत्तम चरित्र के निर्माण की महत्वता को उजागर करता है।