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साल 1606 में, सम्राट जहांगीर ने पांचवे सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव को गिरफ्तार किया और उन्हें इस्लाम स्वीकार करने के लिए दबाव डाला। गुरु अर्जुन देव ने अपने धर्म को नहीं छोड़ा और जहांगीर द्वारा क्रूर यातनाओं के चलते उनकी मृत्यु हो गई। अब, 2024में टाइम्स ऑफ इंडिया ने जहांगीर को “संस्कृति और राजनीति का शिल्पकार” के रूप में वर्णित किया है। यह निर्णय ऐतिहासिक सत्य को नकारते हुए और एक विवादास्पद व्यक्ति को प्रशंसा देने जैसा है। यह स्थिति धार्मिक असहिष्णुता और ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी के प्रति एक शर्मनाक दृष्टिकोण को दर्शाती है। इस लेख ने समाज में धार्मिक और ऐतिहासिक संवेदनशीलता के महत्व को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।