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जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिकों द्वारा आतंकवादियों को मार गिराने की खबर पर अल जज़ीरा ने उन्हें ‘विद्रोही’ कहा, जबकि आतंकवादियों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या की खबर पर उन्हें ‘लड़ाके’ बताया। यह केवल शब्दों का चयन नहीं है, बल्कि आतंकवाद को सफ़ेदपोश बनाने और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने की एक चाल है। भारतीय सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में लगातार आगे बढ़ रहे हैं और सफलता प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन अल जज़ीरा जैसी अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ऐसी रिपोर्टिंग भारतीय जनमानस में सवाल खड़े करती है। यह स्पष्ट है कि अल जज़ीरा का यह कदम आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश है। इस प्रकार की पत्रकारिता भारतीय सैनिकों के बलिदान को कमतर आंकती है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती है।