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भारत में हालिया आंकड़ों ने धर्म के अनुसार प्रजनन दर में बड़ा अंतर उजागर किया है, जो सामाजिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय में प्रजनन दर 4.7 है, जो अन्य समुदायों की तुलना में काफी अधिक है। इसके विपरीत, हिंदू समुदाय की प्रजनन दर 1.86 और ईसाई समुदाय की 1.90 है। वहीं, सिख समुदाय में यह 1.35 और जैन समुदाय में 1.45 दर्ज की गई है। बौद्ध समुदाय की प्रजनन दर 2.3 पाई गई है, जो अन्य प्रमुख धार्मिक समुदायों से अधिक है।ये आंकड़े न केवल जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव डालते हैं बल्कि विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच संतुलन को भी प्रभावित कर सकते हैं। इन प्रजनन दरों का दीर्घकालिक प्रभाव भारत की सामाजिक और आर्थिक संरचना पर पड़ सकता है। यह विषय गहन विचार और संतुलित नीति की आवश्यकता की ओर इशारा करता है।