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चुनाव परिणामों के आस-पास देश में बढ़ती अशांति से कई चिंताजनक सवाल उठ रहे हैं। क्या मोदी की जीत से देश में दंगे होंगे? क्या चुनाव परिणामों को अस्वीकार कर हिंसा शुरू होगी? रिपोर्ट्स में प्रधानमंत्री निवास और संसद में घुसने की योजनाओं का भी ज़िक्र है। साथ ही, कबाड़ी बाज़ारों से काँच की बोतलों और एसिड की बढ़ती ख़रीदारी ने सुरक्षा एजेंसियों को सचेत कर दिया है। पेट्रोल पंप से पेट्रोल गाड़ियों में नहीं, बल्कि कैन में ले जाने की घटनाएँ भी सामने आ रही हैं, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि यह पेट्रोल चलाने के लिए है या जलाने के लिए? घरों की छतों पर ईंटों और पत्थरों का इकट्ठा होना किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। ऐसी स्थितियां एक लोकतांत्रिक देश में कभी भी समर्थन योग्य नहीं होनी चाहिए।