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बिहार के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक महबूब आलम एक बार पुनः विवादों में घिर गए हैं। विवाद तब शुरू हुआ जब राजकीय रेलवे पुलिस ने आलम के समुदाय के लोगों को बिना टिकट रेलगाड़ी के वातानुकूलित कोचों में यात्रा करने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसके पश्चात आलम राजकीय रेलवे पुलिस पर दबाव डालने लगे। महबूब आलम ने राजकीय रेलवे पुलिस को धमकाते हुए कहा कि उनके समुदाय के लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। इस मामले ने और तूल तब पकड़ा जब विपक्ष के मंत्रियों ने आरक्षित कोचों में बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दोषी ठहराया। यह विरोधाभास और दोहरे मापदंड को उजागर करता है, जहाँ एक तरफ अपने समुदाय के लिए रियायतें मांगी जा रही हैं और दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए जा रहे हैं।