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आज से 35 वर्ष पूर्व, एक घटना ने हिन्दू समाज को गहरे शोक में डाल दिया था, जब पंजाब के मोगा में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की प्रभात शाखा पर खालिस्तानी आक्रमणकारियों ने भगवा ध्वज उतारने की मांग की थी। शाखा कार्यकर्ताओं द्वारा इस मांग को अस्वीकार करने से इन आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें 25 देशभक्त स्वयंसेवकों ने अपनी प्राणों की आहुति दी। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, दूसरे दिन वहीं पर फिर से अधिक संख्या में शाखा स्थापित की गई और उन्होंने संघ प्रार्थना गीत गाया, “कौन कहदां ए हिन्दू सिख वख ने, भारत माता की सज्जी-खब्बी अख ने।” अर्थात- कौन कहता है कि हिन्दू-सिक्ख वक्ख (भिन्न) है, ये दोनों तो भारत माता की दायीं व बाएं आँखें हैं। हम इस खालिस्तानी आक्रमण में अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों को आत्मिक श्रद्धांजलि तथा राष्ट्रवादी स्वयंसेवकों की साहसिकता को नमन करते हैं।