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आज हम श्रद्धापूर्वक शहीद भाई तारू सिंह जी के अनमोल बलिदान को स्मरण करते हैं, जिन्होंने अपने सिख धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। भाई तारू सिंह जी का साहस और सिख धर्म के प्रति उनकी अटूट निष्ठा, दृढ़ता का एक चिरस्थायी प्रतीक है। मात्र 25 वर्ष की आयु में, लाहौर के मुगल गवर्नर जकारिया खान ने उन्हें कठोर विकल्प दिया – या तो सिख धर्म छोड़ दें या अपने पवित्र केश कटवाने के लिए तैयार हों। भाई साहब ने धर्म की रक्षा को प्राथमिकता दी और उनके सिर की खाल बेरहमी से उतार दी गई।उनका यह महान बलिदान अटूट सिख भावना का प्रेरणास्रोत है, जो हमें याद दिलाता है कि धर्म की रक्षा के लिए किए गए उनके साहसिक कदम का प्रभाव आज भी हमारे हृदयों में अमर है।