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हाल ही में इस विषय पर चर्चा छिड़ी है कि क्यों कई गुजराती और अन्य हिंदू परिवार मुसलमानों को अपने घर किराए पर देने से कतराते हैं। इस मामले में शबाना आज़मी जैसे फिल्मी सितारे हिंदुओं पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे परे है। इसकी एक बड़ी वजह मुंबई के नालासोपारा जैसे इलाकों में हिंदू समुदाय के अनुभव हैं, जहां उनकी संख्या घटने के बाद वे अपने धार्मिक त्योहारों को भी मनाने में असमर्थ हैं। यहां तक कि नवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहार भी मनाने में बाधा आती है, जबकि हिंदू समुदाय ने हमेशा ‘भाईचारा‘ स्थापित करने की कोशिश की है। दरअसल, क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या का बढ़ना हिंदू परिवारों की चिंता का कारण बन गया है। ऐसे में, कई हिंदू परिवारों का मानना है कि यदि वे मुसलमानों को किराए पर अपने घर देते हैं, तो उनकी संस्कृति और धार्मिक पहचान पर दबाव बढ़ सकता है। यही कारण है कि वे इस तरह के जोखिम से बचते हैं।